गोपाल भार्गव का 23वां कन्यादान समारोह 1 मई को होगा, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नाम

 गढ़ाकोटा

सागर जिले के गोपाल भार्गव ने अब तक 25,000 से अधिक कन्याओं का कन्यादान कर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया है. अब वे 1 मई को बुंदेलखंड स्तरीय विवाह सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं. इस भव्य समारोह में गढ़ाकोटा में सैकड़ों जोड़े सात फेरे लेंगे. यह गोपाल भार्गव का 23वां कन्यादान विवाह समारोह है. सरकार की कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली राशि के अलावा दूल्हा-दुल्हन को विशेष उपहार भी दिए जाएंगे. रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 25 अप्रैल रखी गई है.

मध्य प्रदेश के सागर जिले की रहली विधानसभा से नौ बार विधायक रहे पंडित गोपाल भार्गव को राजनीति से कहीं ज्यादा पहचान मिली है उनके “कन्यादान संस्कार” से. 71 साल की उम्र में भी उनका जोश और जज़्बा इतना जीवित है कि वे आज भी बेटियों की शादी में खुद पिता की भूमिका निभाते हैं. 25,000 से अधिक कन्याओं के विवाह का आयोजन कर वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुके हैं, लेकिन उनके इस मिशन का कारवां अब और बड़ा होने जा रहा है.

कन्यादान नहीं, जीवन का उद्देश्य
वर्ष 2001 से शुरू हुई यह यात्रा आज 23वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है. पंडित गोपाल भार्गव इस बार सिर्फ रहली विधानसभा तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए विवाह सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं. यह ऐतिहासिक आयोजन 1 मई को गढ़ाकोटा के नटराज स्टेडियम में होगा, जहां सैकड़ों जोड़े एक ही छत के नीचे सात फेरे लेंगे.

प्रत्येक वैवाहिक जोड़े को 49 हजार रुपए की राशि एवं उपहार सामग्री भेंट स्वरूप प्रदान की जाएगी। निकाह एवं विवाह एक साथ संपन्न होंगे। समारोह में पधारे सभी अतिथियों के लिए भोजन व्यवस्था रहेगी। 18 मार्च तक 4 दिन में लगभग 205 पंजीयन हो चुके हैं। पंजीयन करवाने की अंतिम तारीख 25 अप्रैल है। पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में मध्यप्रदेश के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र, वर एवं वधू की समग्र परिवार आईडी की छायाप्रति, वर एवं वधू की समग्र सदस्य आईडी की केवाईसी अनिवार्य है। वर एवं वधू के आधार कार्ड की छायाप्रति, आयु प्रमाण पत्र की छायाप्रति, पासपोर्ट साइज के चार-चार फोटोग्राफ, वधु की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होना अनिवार्य है। वर की आयु न्यूनतम 21 वर्ष होना अनिवार्य है।

कल्याणी (विधवा) होने की स्थिति में पूर्व पति का मृत्यु प्रमाण-पत्र, परित्यागता/तलाकशुदा महिला/पुरुष होने की स्थिति में कानूनी रूप से तलाक होने का न्यायालयीन आदेश अनिवार्य रूप से संलग्न करें। वर/वधु यदि दिव्यांग है तो दिव्यांगता का प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी कार्ड अनिवार्य रूप से संलग्न करें।

पंजीकृत श्रमिक परिवार होने की स्थिति में मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल कार्ड की छायाप्रति, वधू के बैंक पासबुक की छायाप्रति, (जिसमें वधू का नाम पिता का नाम, खाता नम्बर एवं IFSC कोड स्पष्ट दिखाई दें), वधू के बैंक खाते की लिमिट 50 हजार से कम नहीं होना चाहिए। बैंक खाता बंद अथवा होल्ड लगा हुआ नहीं होना चाहिए, फार्म पूरा भरा होना अनिवार्य है।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज

एक ही विधानसभा में सर्वाधिक 25 हजार से अधिक कन्याओं के कन्यादान लेने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में रहली विधानसभा का दर्ज है। रहली क्षेत्र का यह समारोह देश और विदेश में अपनी पहचान बना चुका है।

सम्मान और सुविधा, दोनों का होगा संगम
यह विवाह समारोह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं होता. इसमें सरकार की कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली 49,000 रुपये की सहायता के साथ-साथ गोपाल भार्गव द्वारा दिया गया विशेष उपहार भी दूल्हा-दुल्हन को दिया जाता है. हल्दी, मेहंदी, संगीत जैसी हर रस्म को भव्य रूप में मनाया जाता है, और बारात भी पूरे शाही अंदाज़ में निकलती है.

बेटियों के लिए बना एक पिता
जो बेटियां किसी कारणवश अपने माता-पिता से ये सौभाग्य नहीं पा सकीं, उनके लिए गोपाल भार्गव एक धर्मपिता बनकर खड़े हुए. उनके द्वारा निभाई गई यह भूमिका अब एक समाजिक आंदोलन में तब्दील हो चुकी है.

बुंदेलखंड स्तरीय सम्मेलन में पंजीयन शुरू
इस बार छह जिलों के जोड़े पंजीयन कर इस सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं. पंजीयन की अंतिम तारीख 25 अप्रैल है. आवेदकों को आधार कार्ड, समग्र आईडी, जन्म प्रमाणपत्र सहित अन्य दस्तावेज देने होंगे. वधू की न्यूनतम उम्र 18 और वर की 21 वर्ष होना अनिवार्य है.

India Edge News Desk

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